Monday, January 8, 2024

चाहत ए दुनियां

 



 जो दुनियां को चाहता

है... उसके साथ ऐसा ही होता है 

हज़रत ईसा अपने एक शागिर्द को साथ लेकर किसी सफ़र पर निकले, रास्ते में एक जगह रुके और शागिर्द से पूछा कि

" तुम्हारी जेब में कुछ है ...?


शागिर्द ने कहा

" मेरे पास दो दिरहम हैं ... "


हज़रत ईसा ने अपनी जेब से एक दिरहम निकाल कर उसे दिया और फ़रमाया

" ये तीन दिरहम होजाएंगे, क़रीब ही आबादी है, तुम वहां से तीन दिरहम की रोटियाँ ले आओ ... "


वो गया और तीन रोटियाँ लीं, रास्ते में आते हुए सोचने लगा कि हज़रत ईसा ने तो एक दिरहम दिया था और दो दिरहम मेरे थे जबकि रोटियाँ तीन हैं, इन में से आधी रोटियाँ हज़रत ईसा खाएँगे और आधी रोटियाँ मुझे मिलेंगी, लिहाज़ा बेहतर है कि में एक रोटी पहले ही खाल लूं, चुनांचे उसने रास्ते में एक रोटी खाली और दो रोटियाँ लेकर हज़रत ईसा के पास पहुंचा ....


आपने एक रोटी खाली और इस से पूछा

" तीन दिरहम की कितनी रोटियाँ मिली थीं ...?


उसने कहा

" दो रोटियाँ मिली थीं, एक आपने खाई और एक मैंने खाई ... "


हज़रत ईसा वहां से रवाना हुए, रास्ते में एक दरिया आया, शागिर्द ने हैरान हो कर पूछा

" ऐ अल्लाह के नबी ...

हम दरिया उबूर कैसे करेंगे जबकि यहां तो कोई कश्ती नज़र नहीं आती ...?


हज़रत ईसा ने फ़रमाया

" घबराओ मत, मेमैं आगे चलूँगा तुम मेरी अबा का दामन पकड़ कर मेरे पीछे चलते आव ,ख़ुदा ने चाहा तो हम दरिया पार करलेंगे .... "


चुनांचे हज़रत ईसा ने दरिया में क़दम रखा और शागिर्द ने भी उनका दामन थाम लिया, ख़ुदा के इज़न से आपने दरिया को इस तरह पार कर लिया कि आपके पांव भी गीले ना हुए ...


शागिर्द ने ये देखकर कहा

" मेरी हज़ारों जानें आप पर क़ुर्बान ...

आप जैसा साहिब-ए-एजाज़ नबी तो पहले मबऊस ही नहीं हुआ ... "


आपने फ़रमाया

" ये मोजिज़ा देखकर तुम्हारे ईमान में कुछ इज़ाफ़ा हुआ ...?


उसने कहा

" जी हाँ ...

मेरा दिल नूर से भर गया ... "


फिर आपने फ़रमाया

" अगर तुम्हारा दिल नूरानी हो चुका है तो बताओ रोटियाँ कितनी थीं ...?


उसने कहा

" हज़रत रोटियाँ बस दो ही थीं ... "


फिर आप वहां से चले, रास्ते में हिरनों का एक ग़ोल गुज़र रहा था, आपने एक हिरन को इशारा किया, वो आपके पास चला आया, आपने ज़बह कर के उस का गोश्त खाया और शागिर्द को खिलाया।

जब दोनों गोश्त खा चुके तो हज़रत ईसा ने इस की खाल पर ठोकर मार कर कहा

" अल्लाह के हुक्म से ज़िंदा हो जा ... "


हिरन ज़िंदा हो गया और चौकड़ीयां भरता हुआ दूसरे हिरनों से जा मिला ...


शागिर्द ये मोजिज़ा देखकर हैरान हो गया ओ कहने लगा

" अल्लाह का शुक्र है जिसने मुझे आप जैसा नबी और मुअल्लिम इनायत फ़रमाया है ... "


हज़रत ईसा ने फ़रमाया

" ये मोजिज़ा देखकर तुम्हारे ईमान में कुछ इज़ाफ़ा हुआ ...?


शागिर्द ने कहा

" ए अल्लाह के नबी ...

मेरा ईमान पहले से दोगुना हो चुका है ... "


आपने फ़रमाया

" फिर बताओ कि रोटियाँ कितनी थीं ...?


शागिर्द ने कहा

" हज़रत रोटियाँ दो ही थीं ... "


दोनों रास्ता चलते गए कि क्या देखते हैं कि एक पहाड़ी के दामन में सोने की तीन ईंटें पड़ी हैं


आपने फ़रमाया

" एक ईंट मेरी है और एक ईंट तुम्हारी है और तीसरी ईंट उस शख़्स की है जिसने तीसरी रोटी खाई .... "


ये सुनकर शागिर्द शर्मिंदगी से बोला

" हज़रत तीसरी रोटी मैंने ही खाई थी ... "


हज़रत ईसा ने उस लालची शागिर्द को छोड़ दिया और फ़रमाया

" तीनों ईंटें तुम ले जाओ ... "


ये कह कर हज़रत ईसा वहां से रवाना हो गए और लालची शागिर्द ईंटों के क़रीब बैठ कर सोचने लगा कि इन्हें कैसे घर ले जाये ...


इसी दौरान तीन डाकू वहां से गुज़रे उन्होंने देखा, एक शख़्स के पास सोने की तीन ईंटें हैं, उन्होंने उसे क़तल कर दिया और आपस में कहने लगे कि ईंटें तीन हैं और हम भी तीन हैं, लिहाज़ा हर शख़्स के हिस्से में एक एक ईंट आती है, इत्तिफ़ाक़ से वो भूके थे, उन्होंने एक साथी को पैसे दीए और कहा कि शहर क़रीब है तुम वहां से रोटियाँ ले आव, उस के बाद हम अपना अपना हिस्सा उठा लें गे, वो शख़्स रोटियाँ लेने गया और दिल में सोचने लगा अगर मैं रोटियों में ज़हर मिला दूं तो दोनों साथी मर जाएंगे और तीनों ईंटें मेरी हो जाएँगी, उधर उस के दोनों साथियों ने आपस में मश्वरा किया कि अगर हम अपने इस साथी को क़तल कर दें तो हमारे में हिस्सा में सोने की डेढ़ डेढ़ ईंट आएगी ...


जब उनका तीसरा साथी ज़हर-आलूद रोटियाँ लेकर आया तो इन दोनों ने मन्सूबा के मुताबिक़ उस पर हमला कर के उसे क़तल कर दिया, फिर जब उन्होंने रोटी खाई तो वो दोनों भी ज़हर की वजह से मर गए, वापसी पर हज़रत ईसा वहां से गुज़रे तो देखा कि ईंटें वैसी की वैसी रखी हैं जबकि उनके पास चार लाशें भी पड़ी हैं, आपने ये देखकर ठंडी सांस भरी फ़रमाया :

" दुनिया अपनी चाहने वालों के साथ यही सुलूक करती है ... "

(वल्लाह तआला आलम

(अनवार नोमानीया स३५३


ये है दुनिया और इस की मुहब्बत जिसके लिए मेमैं और आप दिन रात एक, दूजे से सबक़त ले जाने के लिए बेताब हुए जा रहे हैं और दरअसल ये हमें पल, पल मौत से क़रीब किए जा रही है ....


वक़्त मिले तो इस पहलू पर सोचिएगा ज़रूर ...

Tuesday, December 26, 2023

सब लोगों से समान व्यवहार


 "मैं केवल मस्जिद में अपनी मुस्लिम प्रजा, चर्च में अपनी ईसाई प्रजा और आराधनालय में अपनी यहूदी प्रजा में अंतर कर सकता हूं, लेकिन अन्यथा उन सभी के लिए मेरा प्यार और न्याय बहुत मजबूत है और वे सभी मेरे बच्चे हैं।"

~ओटोमन सुल्तान-खलीफा महमूद द्वितीय

   (शासनकाल 28 जुलाई 1808 - 1 जुलाई 1839)

Wednesday, December 20, 2023

జ్ఞాపకశక్తి మరియు దాని మానసిక స్థితి


 


వ్యక్తిగత జీవితంలో, ఒక వ్యక్తి యొక్క నైతికత మరియు క్యారెక్టర్ అతని చురుకైన జ్ఞాపకశక్తి ద్వారా నిర్ణయించబడతాయి .మంచి వ్యక్తి యొక్క స్మృతిలో అనవసరమైన మరియు చెడు విషయాల జ్ఞాపకాలు ఉండవు , అతను తనకు అవసరమైన మంచి విషయాలను ఎప్పటికీ మరచిపోలేడు. దానికి విరుద్ధంగా, చెడు ప్రవర్తన కలిగిన వ్యక్తికి ఎన్ని ఉపయోగకరమైన మరియు మంచి విషయాలు చెప్పినా,అవి అతనికి గుర్తు ఉండవు.అతను చెడు మరియు చెడు విషయాలను మాత్రమే చూడగలడు. పార్టీలు, దేశాల ఆలోచనలు కూడా ఇలాగే ఉంటాయి. వారి క్షీణతకు గొప్ప సంకేతం ఏమిటంటే, పార్టీ జ్ఞాపకశక్తి పూర్తిగా తలక్రిందులై పోతుంది గుర్తుపెట్టుకోవాల్సిన విషయాలు ఎన్ని సార్లు గుర్తు చేసుకొన్నా గుర్తుకు రాని విధంగా మరిచిపోయి, మరిచిపోవాల్సినవి గుర్తుండిపోతాయి.


ఎన్ని ప్రయత్నాలు చేసినా వారి జ్ఞాపక శక్తి సరికాదు.


రసూల్ రహ్మత్, మౌలానా అబుల్ కలాం ఆజాద్: పేజీ. 195)

Tuesday, December 12, 2023

SLAVISH


 Day 5: On Enslavement to Sel f Before complaining that you are a slave to another, be sure that you are not a slave to self. Look within; you will find there, perchance, slavish thoughts, slavish desires, and in your daily life and conduct slavish habits.

Conquer these; cease to be a slave to self, and no man will have the power to enslave you.

—James Allen 5 It’s easy to delegate the responsibility for our lives and choices to other people.

It’s not your fault that you can’t stick to a diet — it’s because your friends constantly tempt you to grab something to eat with them.

It’s not your fault that you can’t control your finances — it’s those evil corporations that spend millions on advertising and leave you powerless to change.

It’s not that you lack willpower to exercise — people always want something from you and you never have the time to develop this healthy habit.

In reality, nothing could be further from the truth. While external circumstances can affect you, in the end, whether or not they control your life depends on you. Just like James Allen said, when you achieve self-mastery, no one (and no thing) will have the power to enslave you.

The next time you blame an external factor for your lack of self-discipline, think again. Was it the person eating chocolate next to you who controlled what you put in your mouth, or was it you?

Monday, October 16, 2023

दुनियां को चाहोगे तो...

 

 जो दुनियां को चाहता है... उसके साथ ऐसा ही होता है 

हज़रत ईसा अपने एक शागिर्द को साथ लेकर किसी सफ़र पर निकले, रास्ते में एक जगह रुके और शागिर्द से पूछा कि

" तुम्हारी जेब में कुछ है ...?


शागिर्द ने कहा

" मेरे पास दो दिरहम हैं ... "


हज़रत ईसा ने अपनी जेब से एक दिरहम निकाल कर उसे दिया और फ़रमाया

" ये तीन दिरहम होजाएंगे, क़रीब ही आबादी है, तुम वहां से तीन दिरहम की रोटियाँ ले आओ ... "


वो गया और तीन रोटियाँ लीं, रास्ते में आते हुए सोचने लगा कि हज़रत ईसा ने तो एक दिरहम दिया था और दो दिरहम मेरे थे जबकि रोटियाँ तीन हैं, इन में से आधी रोटियाँ हज़रत ईसा खाएँगे और आधी रोटियाँ मुझे मिलेंगी, लिहाज़ा बेहतर है कि में एक रोटी पहले ही खाल लूं, चुनांचे उसने रास्ते में एक रोटी खाली और दो रोटियाँ लेकर हज़रत ईसा के पास पहुंचा ....


आपने एक रोटी खाली और इस से पूछा

" तीन दिरहम की कितनी रोटियाँ मिली थीं ...?


उसने कहा

" दो रोटियाँ मिली थीं, एक आपने खाई और एक मैंने खाई ... "


हज़रत ईसा वहां से रवाना हुए, रास्ते में एक दरिया आया, शागिर्द ने हैरान हो कर पूछा

" ऐ अल्लाह के नबी ...

हम दरिया उबूर कैसे करेंगे जबकि यहां तो कोई कश्ती नज़र नहीं आती ...?


हज़रत ईसा ने फ़रमाया

" घबराओ मत, मेमैं आगे चलूँगा तुम मेरी अबा का दामन पकड़ कर मेरे पीछे चलते आव ,ख़ुदा ने चाहा तो हम दरिया पार करलेंगे .... "


चुनांचे हज़रत ईसा ने दरिया में क़दम रखा और शागिर्द ने भी उनका दामन थाम लिया, ख़ुदा के इज़न से आपने दरिया को इस तरह पार कर लिया कि आपके पांव भी गीले ना हुए ...


शागिर्द ने ये देखकर कहा

" मेरी हज़ारों जानें आप पर क़ुर्बान ...

आप जैसा साहिब-ए-एजाज़ नबी तो पहले मबऊस ही नहीं हुआ ... "


आपने फ़रमाया

" ये मोजिज़ा देखकर तुम्हारे ईमान में कुछ इज़ाफ़ा हुआ ...?


उसने कहा

" जी हाँ ...

मेरा दिल नूर से भर गया ... "


फिर आपने फ़रमाया

" अगर तुम्हारा दिल नूरानी हो चुका है तो बताओ रोटियाँ कितनी थीं ...?


उसने कहा

" हज़रत रोटियाँ बस दो ही थीं ... "


फिर आप वहां से चले, रास्ते में हिरनों का एक ग़ोल गुज़र रहा था, आपने एक हिरन को इशारा किया, वो आपके पास चला आया, आपने ज़बह कर के उस का गोश्त खाया और शागिर्द को खिलाया।

जब दोनों गोश्त खा चुके तो हज़रत ईसा ने इस की खाल पर ठोकर मार कर कहा

" अल्लाह के हुक्म से ज़िंदा हो जा ... "


हिरन ज़िंदा हो गया और चौकड़ीयां भरता हुआ दूसरे हिरनों से जा मिला ...


शागिर्द ये मोजिज़ा देखकर हैरान हो गया ओ कहने लगा

" अल्लाह का शुक्र है जिसने मुझे आप जैसा नबी और मुअल्लिम इनायत फ़रमाया है ... "


हज़रत ईसा ने फ़रमाया

" ये मोजिज़ा देखकर तुम्हारे ईमान में कुछ इज़ाफ़ा हुआ ...?


शागिर्द ने कहा

" ए अल्लाह के नबी ...

मेरा ईमान पहले से दोगुना हो चुका है ... "


आपने फ़रमाया

" फिर बताओ कि रोटियाँ कितनी थीं ...?


शागिर्द ने कहा

" हज़रत रोटियाँ दो ही थीं ... "


दोनों रास्ता चलते गए कि क्या देखते हैं कि एक पहाड़ी के दामन में सोने की तीन ईंटें पड़ी हैं


आपने फ़रमाया

" एक ईंट मेरी है और एक ईंट तुम्हारी है और तीसरी ईंट उस शख़्स की है जिसने तीसरी रोटी खाई .... "


ये सुनकर शागिर्द शर्मिंदगी से बोला

" हज़रत तीसरी रोटी मैंने ही खाई थी ... "


हज़रत ईसा ने उस लालची शागिर्द को छोड़ दिया और फ़रमाया

" तीनों ईंटें तुम ले जाओ ... "


ये कह कर हज़रत ईसा वहां से रवाना हो गए और लालची शागिर्द ईंटों के क़रीब बैठ कर सोचने लगा कि इन्हें कैसे घर ले जाये ...


इसी दौरान तीन डाकू वहां से गुज़रे उन्होंने देखा, एक शख़्स के पास सोने की तीन ईंटें हैं, उन्होंने उसे क़तल कर दिया और आपस में कहने लगे कि ईंटें तीन हैं और हम भी तीन हैं, लिहाज़ा हर शख़्स के हिस्से में एक एक ईंट आती है, इत्तिफ़ाक़ से वो भूके थे, उन्होंने एक साथी को पैसे दीए और कहा कि शहर क़रीब है तुम वहां से रोटियाँ ले आव, उस के बाद हम अपना अपना हिस्सा उठा लें गे, वो शख़्स रोटियाँ लेने गया और दिल में सोचने लगा अगर मैं रोटियों में ज़हर मिला दूं तो दोनों साथी मर जाएंगे और तीनों ईंटें मेरी हो जाएँगी, उधर उस के दोनों साथियों ने आपस में मश्वरा किया कि अगर हम अपने इस साथी को क़तल कर दें तो हमारे में हिस्सा में सोने की डेढ़ डेढ़ ईंट आएगी ...


जब उनका तीसरा साथी ज़हर-आलूद रोटियाँ लेकर आया तो इन दोनों ने मन्सूबा के मुताबिक़ उस पर हमला कर के उसे क़तल कर दिया, फिर जब उन्होंने रोटी खाई तो वो दोनों भी ज़हर की वजह से मर गए, वापसी पर हज़रत ईसा वहां से गुज़रे तो देखा कि ईंटें वैसी की वैसी रखी हैं जबकि उनके पास चार लाशें भी पड़ी हैं, आपने ये देखकर ठंडी सांस भरी फ़रमाया :

" दुनिया अपनी चाहने वालों के साथ यही सुलूक करती है ... "

(वल्लाह तआला आलम

(अनवार नोमानीया स३५३


ये है दुनिया और इस की मुहब्बत जिसके लिए मेमैं और आप दिन रात एक, दूजे से सबक़त ले जाने के लिए बेताब हुए जा रहे हैं और दरअसल ये हमें पल, पल मौत से क़रीब किए जा रही है ....


वक़्त मिले तो इस पहलू पर सोचिएगा ज़रूर ...

Monday, May 1, 2023

STOMACH PHILOSOPHY

 "पेट वह एक ऐसा अंग है कि अगर वह भूखा होतो, शरीर के सारे अंग अशांति से रहते हैं . किसी वस्तु की इच्छा नहीं करते, और अगर पेट भरगया तो दूसरे सारे अंग भूखे रहजाते हैं।"


" మానవుని యొక్క కడుపు ఆకలితో ఉన్నప్పుడు శరీరంలోని సర్వాంగాలు శాంతిగా ఉంటాయి. ఇక వాటికి ఎటువంటి కాంక్షలు ఉండవు అదే కడుపు నిండిపోయినప్పుడు "సర్వాంగాలు ఆకలితో అలమటిస్తుంటాయి."


- ABU JAFAR ( RAH)


Sunday, February 26, 2023

మౌలానా అజాద్


 

నవరత్నాలు- అక్బర్


        అక్బర్ నవరత్నాలు

 నవరత్నాలు అనగా 9మంది అసాధారణ ప్రజ్ఞా పాటవాలు కలిగిన వ్యక్తుల సమూహము అని అర్థము. వారి యొక్క సంక్షిప్త వివరణ క్రింది వివరించడం జరిగింది.

 అక్బర్ నవరత్నాలు మరియు వారి యొక్క సంక్షిప్త వివరణ:

1 అబుల్ ఫజల్ : అక్బర్ ముఖ్య సలహాదారుడు మరియు అక్బర్ నామ గ్రంధరచయత, అక్బర్ ప్రధానమంత్రి.

2.ఫైజి  

అక్బర్ విద్యాశాఖ మంత్రి మరియు రాకుమారుల గురువు. 

3. తాన్ సేన్ : అక్బర్ ఆస్థాన గాయకుడు మరియు సాంస్కృతిక శాఖ మంత్రి . హిందూ ధర్మావలంబికుడు.

4. బీర్బల్

  గొప్ప ధనవంతుడు మరియు గొప్ప చతురత కలిగినటువంటి వ్యక్తి, అక్బర్ రాజ్య విదేశాంగ మంత్రి.

5. టోడర్మల్

 అక్బర్ ఆర్థిక శాఖ మంత్రి.

6. రాజా మాన్ సింహ్ :

  అక్బర్ మొఘల్ సైన్యం యొక్క చీఫ్ మరియు అక్బర్ కు అత్యంత విశ్వాస పాత్రుడు; 

7. అబ్దుల్ రహీం ఖాన్ ఖానా:

  అక్బర్ రక్షణ మంత్రి; మహాకవి.

  

8. ఫకీర్ అజియావో దీన్: అక్బర్ ధార్మిక మంత్రి.


9. ముల్లా దో పియాజా: అక్బర్ హోం శాఖ మంత్రి.


Wednesday, February 22, 2023

BOSTAN बोस्तान सादी


 बोस्तान सादी


 एक नई और क़ैदी


एक शख़्स कृपापूर्ण और सखावत वाली

 तबीयत रखने के बावजूद कंगाल था ।

(ख़ुदा करे कि कमीने को माल ना मिले और पुण्यवान तंग-दस्त ना हो )

एक क़ैदी ने उस की तरफ़ पैग़ाम भेजा कि

 ऐ !नेकबख़्त अमीर मेरी मदद कर कि मैं क़ैद-ख़ाने में हूँ। 

ख़ाली हाथ सखी ने क़ैद करने वालों को कहा  इस को मेरी ज़मानत पर रिहा कर दो । 

उन्होंने बात मान ली और क़ैदी को खोल दिया 

तो वो ऐसे भागा जैसे परिंदा पिंजरे का दरवाज़ा खुला देखकर भागता है 

और ऐसी दौड़ लगाई कि इस की गर्द-ए-राह का हवा भी मुक़ाबला ना कर सकी। 

उन्होंने उसी वक़्त उस ज़मानती को पकड़ लिया कि या पैसे निकालो या बंदा दो।

  बेचारा बेक़सूर जेल में पड़ा रहा ना किसी को पत्र लिखा ना

 पैग़ाम भेजा, अर्से बाद किसी दोस्त का उस तरफ़ से गुज़र हुआ तो उसने पूछा

 ऐ नेकबख़्त मेरा नहीं ख़्याल कि तो ने चोरी की हो या किसी का माल खाया हो! 

फिर जेल में क्यों है? 

उसने कहा बात तो ऐसे ही है मगर मैंने इसी जेल में एक क़ैदी को परेशान हाल देखा तो 

अपने आपको क़ैदी बना लेने के इलावा मुझे उस की रिहाई नज़र ना आई ।

 आख़िरकार बेचारा जेल में ही मर गया। 

मगर नेक-नामी ले गया।

ज़िंदा-दिल शख़्स मिट्टी के नीचे भी सोया हो तो इस का जिस्म इस ज़िंदा आलिम से बेहतर है


 जिसका दिल मुर्दा हो क्योंकि ज़िंदा-दिल का जिस्म मर भी जाये तो कोई हर्ज नहीं उस का दिल तो ज़िंदा है

పర్షియన్ కధలు

 ఒక సజ్జనుడి కధ

   ఒక వ్యక్తి గొప్ప దయార్ధ్ర హృదయం, జాలి గుణం కలిగి ఉండేవాడు. స్వతహాగా మంచివాడు కావటం వల్ల ఎప్పుడూ పేదరికం అనుభవిస్తూ ఉండేవాడు .(భగవంతుడు సజ్జనునికి ఎప్పుడూ తన కారుణ్యం ప్రసాదించు గాక )ఒకసారి .ఒక ఖైదీనుండి అతనికి ఒక ఉత్తరం వచ్చింది అందులో " ఓ పుణ్యాత్ముడా నన్ను ఈ చేరసాల నుంచి విడిపించమని( దొంగతనం నేరంలో శిక్ష అనుభవిస్తున్న వాడు) అభ్యర్ధన ఉంది .చేతిలో చిల్లి గవ్వ లేని ఆ పుణ్య పురుషుడు తన జామీను తీసుకొని అతన్ని వదిలిపెట్టమని పోలీసు వారిని కోరగా వారు అతన్ని విడుదల చేసారు. కానీ విడుదల అయిన తర్వాత ఆ ఖైదీ దేశం వదిలి పారిపోయాడు. అప్పుడు పోలీసులు అవ్యక్తి దగ్గరికి వెళ్లి ఖైదీని విడిపించినం దులకు డబ్బు కట్టమని లేకుంటే తనని అరెస్ట్ చేస్తామని బెదిరించారు. చివరకు చేతిలో చిల్లి గవ్వ లేని అవ్యక్తి డబ్బు కట్టలేక ఖైదు కావించ బడ్డాడు. అలా ఎన్నో సంవత్సరాలు గడిచిపోయాయి.. అదొంగ ఇక వచ్చిందిలేదు ఇతన్ని విడిపించింది లేదూ . ఒక సారి అతని పరిచయస్తుడు అతన్ని సందర్శించి "మిత్రమా నీవేప్పుడు దొంగతనం చేసినవాడవు కావు, ఇతరుల సొమ్ము కు ఆశపడ్డ వానివి కూడా కావు మరి ఎందుకు జైల్లోఇంత శిక్ష అనుభవిస్తూ ఉన్నావు అని అడగగా అప్పుడు "నేను ఒక ఖైదీని చెరసాలలో మగ్గుతుంటే అతని యాతన చూడలేక, జామీను ఇచ్చి విడిపించాను. కానీ నా దగ్గర అతనికి కట్టడానికి డబ్బులేదు అందుకే అతనికి స్వేచ్చనిచ్చి అతని శిక్ష అనుభవిస్తూ ఇలా ఉన్నాను అన్నాడు."

   వాస్తవానికి కరుణ హృదయం లేని ఒక జ్ఞాని కన్నా

   మంచి మనసు కలిగిన వారు మరణించినప్పటికీ ఎప్పుడూ ఈ భూమి గర్భం లోఉన్నా బతికే ఉంటారు.

   మానవత్వం లేక జీవించి ఉన్న శరీరం కన్నా

  మానవత్వం తో పరిమలించే మనసున్న మృత శరీరమే గొప్ప అని వివరించారు ప్రముఖ రచయిత సాదీ (ప్రముఖ పర్షియన్ మహారచయిత సాది అద్భుత గ్రంధం బూస్తాన్ నుండి )

Sunday, February 19, 2023

ఆత్మ జ్ఞానం

BANU KHUDSIYA


 మిత్రులారా ప్రపంచం లో ఎంతో మంది మానవతావాదులు భౌతిక అలౌకిక తత్వవేత్తలు ఉన్నారు వారందరి గురించి తెలుసుకోవటానికి ప్రయత్నం చేయటం వల్ల మన జీవితంలో మనం ఎదుర్కొనేటటువంటి ఎన్నో సమస్యలకు పరిష్కారం లభిస్తుంది